Tuesday, April 27, 2021

बकरे कि बिरयानी

बकरे कि बिरयानी एक बार एक किसान का घोडा बीमार हो गया. उसने उसके इलाज के लिये डाक्टर को बुलाया. डाक्टर ने घोडे का अच्छे से मुआयना किया और बोला....
आपके घोडे को काफी गंभीर बीमारी है. हम तीन दिन तक इसे दवाई देकर देखते है, अगर यह ठीक हो गया तो ठीक नही तो हमे इसे मारना होगा. क्योकि यह बीमारी दूसरे जानवरो मे भी फैल सकती है. यह सब बाते पास मे खडा एक बकरा भी सुन रहा था. अगले दिन डाक्टर आया, उसने घोडे को दवाई दी चला गया. उसके जाने के बाद बकरा घोडे के पास गया. और बोला, उठो दोस्त हिम्मत करो, नही तो यह तुम्हे मार देगे. दूसरे दिन डाक्टर फिर आया और दवाई देकर चला गया. बकरा फिर घोडे के पास आया. और बोला, दोस्त तुम्हे उठना ही होगा. हिम्मत करो नही तो तुम मारे जाओगे. मै तुम्हारी मदद करता हुं, चलो उठो. तीसरे दिन जब डाक्टर आया तो किसान से बोला, मुझे अफसोस है कि हमे इसे मारना पडेगा. क्योकि कोई भी सुधार नजर नही आ रहा. जब वो वहा से गए तो, बकरा घोडे के पास फिर आया और बोला. देखो दोस्त, तुम्हारे लिए अब करो या मरो वाली स्तिथी बन गयी है. अगर तुम आज भी नही उठे तो कल तुम मर जाओगे. इसलिये हिम्मत करो हां बहुत अच्छे थोडा सा और तुम कर सकते हो. शाबाश अब भाग कर देखो तेज और तेज इतने मे किसान वापस आया तो उसने देखा, कि उसका घोडा भाग रहा है. वो खुशी से झुम उठा. और सब घर वालो को इकट्ठा कर चिल्लाने लगा. चमत्कार हो गया. मेरा घोडा ठीक हो गया हमे जश्न मनाना चाहिए आज बकरे कि बिरयानी खायेगे शिक्षा Management या government को कभी नही पता होता कि कौन employee काम कर रहा है, जो काम कर रहा होता है, उसी का ही काम तमाम हो जाता है. ये पूर्यता सत्य है.