महात्मा गांधी:
जब भी हम अपने स्वतंत्र देश भारत के इतिहास की
बात करते है,तो हमारे देश को किन किन सैनानियों ने अपना योगदान दिया है, उनकी बात जरुर आती है, स्वतंत्रता संग्राम मे दो तरह के सेनानी हुआ
करते थे...
mahata gandhi |
1 – जो अंग्रेजों द्वारा किये जाने वाले
अत्याचारो का जवाब उन्ही की तरह खून खराबा
कर के देना चाहते थे, जैसे कि आजाद, भगत सिंह, आदि......
2 – दुसरे तरह के सेनानी जो लोग शांति, सत्य और अहिंसा का पालन कर के खूनी मंजर के
बजाय शांतिकी राह पर चलकर देश को आजादी दिलाना चाहते थे, इनमे सबसे प्रमुख नाम है महात्मा गांधी जी
का....
आइये हम जानते है कुछ और महात्माजी के बारे
में.....
नाम मोहनदास
करमचंद गांधी
पिता का नाम करमचंद गांधी
माता का नाम पुतलीबाई
पत्नि का नाम कस्तूरबा गांधी
जन्म दिनांक 02-10-1869
मृत्यु 30-01-1948
योग्यता बैरिरटर
प्रारंभिक जीवन:
महात्मा गांधी का जन्म भारत राज्य के पोरबंदर गाँव मे हुआ था. उनके पिता श्री
करमचंद गांधी पोरबंदर के दीवान थे और माता एक धार्मिक महिला थी. गांधी के जीवन में
उनकी माता का बहुत अधिक प्रभाव रहा.उनका विवाह 13 वर्ष की उम्र में ही हो गया था.तब कस्तूरबा की 14 वर्ष थी.
नवंबर, सन 1887 मे
उन्होंने अपनी 10 वी कि परीक्षा पास कर ली थी और जनवरी ,सन 1888 मे उन्होने भावनगर के सामलदास काँलेज में दाखिला लिया और यहॉ से
डिग्री प्राप्त की. और लंदन गये वहॉ से बेरिरटर बनकर लैटे.
चौरा चौरी कांड:
असहयोग आंदोलन संपूण देश मे अहिंसात्मक तरीके से चलाया जा रहा था, तो इस दौरान उत्तर प्रदेश राज्य के चौरा चौरी
नामक स्थान पर जब कुछ लोग शांतिपूर्व तरीके से रैली निकाल रहे थे,तब अंग्रेजी सैनिको ने उन पर गोलियां चला दी और
कुछ लोगोकि मौत भी हो गयी और तब भरी भीड ने पुलिस स्टेशन पर आग लगा दी और 22
सैनिको कि मौत हो गयी.
और गांधीजी इसके खिलाफ थे और अपना आंदोलन वापस
ले लिया.
दांडी यात्रा:
सन 1930 में महात्मा गांधी ने अंग्रेजो के
खिलाफ एक ओर आंदोलन कि शुरुआत की, इस आंदोलन का नाम था-सविनय अवज्ञा आंदोलन इस
आंदोलन का उदेश्य यह था की ब्रिटिश सरकार द्वरा जो भी कानून बनाये जाये, उन्हे नही मानाना और उनकी अवहेलना करना.मार्च
सन,1930 को उन्होने इस कानून को तोड्ने के लिये अपनी दांडी यात्रा शुरु की,और बाद मे ब्रिटिश सरकार ने उन्हे गिरफ्तार कर
लिया गया.
महात्मा गांधी कि मृत्यु:
30 जनवरी सन 1948 को नाथूराम गोड्से द्वरागोली
मारकर गांधीकि हत्या कर दी गयी थी, उन्हे 3 गोलियां मारी गयी थी और उनके मुंह से
निकले अंतिम शब्द थे "हे राम" और दिल्ली मे उनकी राज घाट पर समाधी स्थल बनाया गया.